
बरसाना(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। आज चारों और कलियुग का प्रभाव है लेकिन ब्रजभूमि इससे अछूती है, इसका तेज आज भी विद्यमान है क्योंकि श्रीकृष्ण ब्रज छोड़कर एक कदम भी नहीं जाते है वे यहां सदैव वास करते हैं। राधे जू का नाम शाश्वत है, जहां श्रीराधा की कृपा निरंतर बरसती है उसका नाम बरसाना है। माताजी गोशाला में श्रीराम कथा के दौरान कथा प्रवक्ता मोरारी बापू ने यह विचार रखे।
मंगलवार को बरसाना की माताजी गोशाला में चल रही नौ दिवसीय श्रीरामकथा में प्रख्यात श्रीरामकथा प्रवक्ता मोरारी बापू ने व्यास पीठ से चौथे दिन की मानस गोसूक्त आधारित श्रीरामकथा सुनाई। यह कथा बापू के जीवन की 964वीं रामकथा है और बरसाना में यह उनकी तीसरी रामकथा है।
बापू ने कहा कि गौमाता साधु का स्वरूप है, गौमाता गुरु का भी स्वरूप है। गाय में तैतीस कोटि देवताओं का वास है, गाय में लक्ष्मी का स्वरूप है। गाय की दो आंखें समता और ममता की प्रतीक है। गौमाता सभी के प्रति समान ममत्व का भाव रखती है।
भक्ति के रहस्यों को समझाते हुए बापू ने कहा कि श्रद्धा उपाय नहीं उपलब्धि है, श्रद्धा के उपलब्ध होने से ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। ज्ञानी पुरुष श्रद्धामयी होते हैं। बिना श्रद्धा के धर्म नहीं होता है। नारदजी का प्रसंग सुनाते हुए बापू ने कहा कि माया के वशीभूत होकर ही नारद ने प्रभु को कटुवचन कहे। माया मात्र श्री हरि से डरती है, इसलिए जो साधक परमात्मा का आश्रय करता है माया उससे डरती है।
चौथे दिन की कथा में गोकुल के पंकज बाबा, बनारस के जगद्गुरु सतुआ बाबा महाराज, पीपा पीठाधीश बलरामदास महाराज, फूलडोल महाराज के शिष्य लाडली बिहारी दास, घमंड देवाचार्य पीठ के वेणुगोपाल महाराज, सुदामा कुटी के संतदास महाराज, बल्लभगढ़ के जगद्गुरु भैयादास महाराज, विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय संरक्षक दिनेश जी, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अंबिका प्रसाद, मान मंदिर सेवा संस्थान के अध्यक्ष रामजीलाल शास्त्री, कार्यकारी अध्यक्ष राधाकांत शास्त्री, सचिव सुनील सिंह ब्रजदास, माताजी गौशाला के संयोजक राजबाबा, नरसिंह दास बाबा, रामकथा के आयोजक हरेश एन संघवी, समाजसेवी वीना हरेश संघवी, निकुंज संघवी, नीलिमा संघवी, अवनी संघवी, जिला पंचायत सदस्य संजय सिंह, हिमांशु, रालोद नेता कु. नरेंद्र सिंह, भाजपा नेता प्रेम श्रोत्रिय, कथावाचक नित्यानंद, माधव दास आदि उपस्थित रहे।
