
बरसाना(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। राधारानी की प्रिय सखी चित्रा के गांव चिकसोली में प्राचीन मटकी फोड़ दान लीला शुक्रवार को परंपरागत रूप से संपन्न हुई। नटखट कान्हा ने राधा जी की सखियों से माखन और दही का दान मांगा, न देने पर उन्होंने मटकी फोड़ दी। भगवान श्रीकृष्ण की द्वापरकालीन इस दानलीला को देखने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा।

बरसाना के सीमावर्ती गांव चिकसोली स्थित सांकरी खोर में प्राचीन कृष्ण कालीन मटकी फोड़ लीला का आयोजन किया गया। मान्यता है कि आज से करीब साढ़े पांच हजार वर्ष पहले माखन चोर श्रीकृष्ण ने इसी स्थान पर खड़े होकर सखियों से दही का दान मांगा था। सखियों द्वारा दही का दान न देने पर नंदलाल ने उनकी मटकी फोड़ दी थी। शुक्रवार को सांकरी खोर में कृष्णकालीन लीलाएं एक बार फिर जीवंत हो उठीं।

राधारानी की सबसे प्रिय सखी चित्रासखी के गांव चिकसोली व मानपुर के घर-घर में माखन चोरी करने के बाद श्रीकृष्ण अपने ग्वालों के साथ सांकरी खोर की संकरी गली में पहुंच जाते हैं। जहां दुध, दही बेचने मथुरा जा रही गोपियों का मार्ग रोक कर उनसे दान मांगते हैं और जब भगवान श्रीकृष्ण के बार-बार कहने पर भी गोपियां नहीं मानी तो माखन चोर ने अपने ग्वाल-वालों के साथ मिलकर मटकी छीनने का प्रयास किया। इसी छिना झपटी में राधा और उनकी सखियों की मटकी फूट जाती है।

दही की मटकी फूटते ही श्रद्धालु दही प्रसाद के लिए टूट पड़े। यशोदा नंदन की इस अद्भुत लीला की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु लालायित नजर आए। लीला आरम्भ होने से पूर्व बरसाना व नंदगांव के गोस्वामीजनों के मध्य में पद गायन हुआ और राधा पर्वत व कृष्ण पर्वत पर बैठे नंदगांव व बरसाने के लोगों के मध्य प्रेमभरी व रसभरी गालियों का भी अदान प्रदान हुआ। मान्यता है कि कृष्ण द्वारा की गई यह लीला दूध, दही बेचने की कुप्रथा को रोकने के लिए की गयी थी।
