बरसाना(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज़)। नगर में प्रिया कुंड पर कुंड के जीर्णोद्धार के उपरांत एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें जीर्णोद्धार कार्य करने वाली संस्था श्री चैतन्य सेवा ट्रस्ट, सृष्टि ईको रिसर्च इंस्टीट्यूट, ब्रज तीर्थ विकास परिषद के पदाधिकारी तथा बरसाना के संतों ने सहभागिता की। इस अवसर पर वक्ताओं ने जीर्णोद्धार कार्य की सराहना की।
शनिवार को प्रिया कुंड पर आयोजित समारोह में बोलते हुए गौरांग प्रभु ने बताया कि इस्कॉन के संस्थापक श्रील एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद की शिक्षाओं से प्रेरणा लेकर श्री चैतन्य सेवा ट्रस्ट का सृष्टि ईको रिसर्च इंस्टिट्यूट के सहयोग से प्रिया कुंड के जीर्णोद्धार का कार्य जनवरी 2023 में प्रारंभ हुआ था। श्रीमती हरनीत हरिहरन ने बताया की जीर्णोद्धार के दौरान जल प्रदूषण के स्रोतों पर अंकुश लगाने के लिए कई समाधानों को उपयोग में लाया गया है। कुण्ड के चारों ओर गहरे नाले बनाये गए हैं जिससे कुण्ड में कीचड़ या सुखा मिट्टी प्रवेश न कर पाये और बारिश का पानी भी रुक जाए। इन नालों में पेड-पौधे लगे होने से समस्त क्षेत्र की सुन्दरता में वृद्धि हो गयी है। आस पास के घरों से आनेवाले गंदे जल को स्वच्छ करने हेतु एक प्राकृतिक उपचार संयंत्र सॉयल स्केप फ़िल्टर स्थापित किया गया है।
पद्मनाभ गोस्वामी ने सभी ब्रजवासियों से इस पहल में मदद करने का अनुरोध किया। पद्मश्री संत रमेश बाबा ने बताया कि बरसाना का तेज ब्रज में फैलता है। बरसाना में कुंड जीर्णोद्धार का कार्य होना राधारानी की ओर से यह संकेत है कि यह ब्रज में कार्य और आगे बढ़ेगा और ब्रज के अन्य कुंडों का भी कुंड जीर्णोद्धार होगा। संत विनोद बाबा ने बताया कि परम सत्य को जानने के सभी मार्गों में, माधुर्य का मार्ग सर्वोच्च है और ब्रज उसका केंद्र है। इसलिए ब्रज की रक्षा करनी है। राधानाथ महाराज ने श्री ब्रज धाम की सेवा का अवसर देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए सभी संतों के आशीर्वाद के लिए अनुरोध किया।
ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्रा ने कहा कि यूपी सरकार ब्रज में
काम कर रही है और ब्रज की 84 कोस परिक्रमा को नवीकरण करने के लिए धनराशि स्वीकृत कर दी है। उन्होंने इस दिशा में श्री चैतन्य सेवा ट्रस्ट के प्रयासों की बहुत सराहना की और पूर्ण समर्थन का वादा किया।
इस्कॉन वृंदावन के अध्यक्ष पंचगौड़ा प्रभु ने सभी एकत्रित संतों को धाम की सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद दिया।