
बरसाना(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। नंदगांव और ऊंचगांव में नाग पंचमी के अवसर पर शेषावतार बलदाऊजी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान दोनों ही स्थानों पर आयोजनों की धूमधाम रही और बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य के दर्शन का लाभ उठाया।

बरसाना से करीब दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित ऊंचागांव में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भ्राता शेषावतार बलदाऊ जी का प्रकटोत्सव बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया। अकबर कालीन दाऊजी जी मंदिर में सेवायत उपेंद्र नारायण भट्ट, दिलीप महाराज, घनश्याम राज भट्ट, ललिता पीठाधीश्वर कृष्णानंद शरण भट्ट सूसट महाराज, लोनी महाराज, रोहित भट्ट आदि ने मंदिर के गर्भ गृह में वेद ऋचाओं के सस्वर पाठ व पंचामृत से दाऊजी व रेवती जी के विग्रह का अभषेक कराया। इसके बाद दाऊजी की विग्रह को मन्दिर के बाहर चौक में विराजमान कर घण्टे घड़ियालों की धुन पर पंचामृत से अभिषेक कराया गया। अभिषेक के बाद दाऊजी महाराज व रेवती माता की प्रतिमा का श्रंगार कर उन्हें फूल बंगला में विराजमान किया गया। वहीं मंदिर सेवायतों द्वारा दाऊजी महाराज को भांग सहित छप्पनभोग लगाया गया। दाऊजी के प्राकटोत्सव पर हो रहे बधाई गायन पर श्रद्धालु थिरकते नजर आ रहे थे। इस दौरान ब्रजाचार्य पीठ के पीठाधीश्वर उपेंद्र नारायण भट्ट, ब्रजाचार्य पीठ के प्रवक्ता घनश्यामराज भट्ट, ललिता पीठ के पीठाधीश्वर कृष्णचंद तैलंग, दिनेश भट्ट, रोहित भट्ट आदि मौजूद थे।
नंदगांव के नंदबाबा मंदिर में भी प्रकटे बलदाऊजी
नंदगांव। कस्बे के नंदीश्वर पर्वत पर स्थित नंदभवन में नाग पंचमी के दिन श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलरामजी का जन्मोत्सव मनाया गया।

मंगलवार को मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने दाऊजी का अभिषेक कराया। हालांकि यह अभिषेक गर्भगृह में कराया जाता है और परंपरानुसार अभिषेक के दर्शन श्रद्धालुओं को नहीं कराए जाते हैं। अभिषेक के उपरांत बलदाऊजी को नवजात शिशु की भांति श्रृंगार धारण करा कर दर्शन कराए गए। मंदिर सेवायत सुशील गोस्वामी ने बताया बलदाऊजी को इस भांति का श्रृंगार आगामी छह दिनों तक धारण कराया जाएगा। छठी पूजन के उपरांत बलदाऊजी को उनका पारंपरिक श्रृंगार धारण कराना शुरू किया जाएगा। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां श्रीकृष्ण और बलदाऊजी को एक जैसा श्रृंगार धारण कराया जाता है जिससे पहली बार दर्शन करने वाले श्रद्धालु के लिए दोनों को पहचान पाना आसान नहीं होता है। इस अवसर पर मंदिर के सेवायत गोस्वामियों ने समाज गायन कर बलदाऊजी के जन्म की बधाई के पदों का गायन किया। समाज गायन का यह क्रम छठी पूजन तक जारी रहेगा।