मथुरा। केंद्रीय ट्रेड यूनियन संगठनों के आवाहन पर मथुरा रिफाइनरी मुख्य द्वार पर नए श्रम कानूनों को जबरन थोपे जाने के विरुद्ध आयोजित विरोध दिवस पर नारेबाजी की गई और श्रम कानूनों के मुद्दे पर मजदूर संगठनों से परामर्श करने की मांग की गई।
पैट्रोलियम वर्कर्स यूनियन की मथुरा रिफाइनरी कांट्रेक्ट वर्कर्स यूनिट द्वारा आयोजित गेट मीटिंग को संबोधित करते हुए यूनियन के केंद्रीय उपाध्यक्ष का. शिवदत्त चतुर्वेदी ने सरकारी द्वारा पेश श्रम सुधारों को विष रस भरा कनक घट जैसे की संज्ञा दी,जो मजदूरों को संगठित होने से रोकती है। सीपीआई माले की राज्य कार्यकारिणी सदस्य का. नसीर शाह एडवोकेट ने सरकार की कॉर्पोरेट परस्त नीतियों को मजदूर किसान विरोधी बताया। सभा में मुख्य अतिथि जिला कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश धनगर ने याद दिलाया कि शहीद ए आजम भगत सिंह और साथियों ने जिन दो कानूनों के खिलाफ असेंबली में बम फोड़ा था, उनमें पब्लिक सेप्टी बिल व ट्रेड डिस्प्रूड बिल भी था, जिसका ध्येय मजदूरों को संगठित होने से रोकना था।
इस अवसर पर रिफाइनरी थाना प्रभारी को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन देकर नए श्रम कानूनों को वापस लेने की मांग की गई। धन्यवाद ज्ञापन यूनियन के सचिव का. जनक सिंह ने दिया।