बरसाना की माताजी गोशाला में रमेश भाई ओझा ने सुनाई पांचवें दिन की कथा
बरसाना(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। श्रीराधाजी और उनकी कृपा के भावों की महत्ता बताते हुए श्रीमद्भागवत कथा प्रवक्ता रमेश भाई ओझा ने कहा कि श्रीराधा कृपा कटाक्ष से ही भागवत रूपी बगिया के पुष्प खिले हुए हैं, राधाजी के हृदय का प्रेम ही इन पुष्पों का सौरभ है। नित्य श्रीराधा भाव इन कुसुमों को इस के जल से धोता है। राधा सुधानिधि से ही भागवत का प्रत्येक चरण, प्रत्येक श्लोक, प्रत्येक अध्याय, प्रत्येक प्रकरण और प्रत्येक स्कंद पोषित है।
शनिवार को बरसाना की माताजी गोशाला में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में प्रवक्ता रमेश भाई ओझा ने व्यास पीठ से पांचवें दिन की कथा के अंतर्गत श्रीकृष्ण जन्म की कथा सुनाई। श्रीकृष्ण जन्म का प्रसंग सुन सभी श्रोता आनंद से झूम उठे और एक दूसरे को श्रीकृष्ण के जन्म की बधाई दी।
इससे पूर्व भाईजी ने राजा परीक्षित का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि मानव देह दुर्लभ है, यह जीवन क्षण भंगुर है, इसमें सत्संग का सुख मिलना सबसे बड़ा सौभाग्य है। मृत्यु जीवन का अनिवार्य सत्य है, इससे डरने की जरूरत नहीं है, आत्मा न पैदा होती है और न ही नष्ट होती है। भगवान की इच्छा से बलवान कुछ भी नहीं है।
गौमाता के महत्व पर बोलते हुए भाईजी ने कहा कि गाय इस पुण्यधरा को पोषित करने वाली है, श्रीकृष्ण इनकी सेवा में लगे रहते हैं। गौमाता के होने मात्र से पवित्रता का बोध होता है, जहां गाय रहती है, जहां गायों का विचरण होता है, गोखुर से जहां की रज पवित्र बन जाती है, वह स्थान धन्य हो जाता है। गौमाता से गोष्ठ धन्य है और गोपाल भी धन्य है। धर्म की रक्षा के लिए गौ की रक्षा और सेवा आवश्यक है क्योंकि गौ की रक्षा में ही अपनी रक्षा है।
इस अवसर पर जितेंद्रनाथ महाराज, फूलडोल बिहारी महाराज, हित लाडलीशरण महाराज, लाडलीदास महाराज, बिहारी दास महाराज, श्रुति देशपांडे, नृसिंह बाबा, मान मंदिर सेवा संस्थान के अध्यक्ष रामजीलाल शास्त्री, कार्यकारी अधिकारी राधाकांत शास्त्री, सचिव सुनील सिंह ब्रजदास, माताजी गोशाला के संयोजक ब्रजशरण दास बाबा, पद्मेश गुप्ता, अनुराधा गुप्ता आदि उपस्थित रहे।