‘मैं और मेरा चिंतन’ पुस्तक का हुआ विमोचन
मथुरा(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। सुप्रसिद्ध शायर साहिर लुधियानवी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर उनकी स्मृति में अमरनाथ गर्ल्स डिग्री कॉलेज के मातृ कृपा सभागार में संगीतमय श्रद्धांजलि दी गई। इसी के साथ-साथ इप्टा मथुरा के अध्यक्ष वरिष्ठ रंगकर्मी योगेश शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक “मैं और मेरा चिंतन” का विमोचन किया गया।
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा), जनवादी लेखक संघ एवं जन सांस्कृतिक मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर जेड. हसन साहब ने की।साहिर लुधियानवी की जीवन यात्रा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य वक्ता सरदार जाकिर नौफिल आर्या ने कहा कि प्रेम के अभाव में जीने वाले साहिर की रचनाओं में भरपूर प्रेम मिलता है तथा सामाजिक चिंताओं में गैर बराबरी की पीड़ा भी देखने को मिलती है। उनकी रचनाएं बदलाव के लिए प्रेरित करती हैं, और समाज के लिए सार्थक संदेश देती है।
योगेश शर्मा की पुस्तक में और मेरा चिंतन पर मुख्य वक्ता के रूप से अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. अनिल बाजपेई ने कहा कि यह पुस्तक पाठ्यक्रम में शामिल की जाए तो इसकी अधिक उपयोगिता सिद्ध होगी। उन्होंने आगे कहा कि पुस्तक में लेखक ने बहुत ही गंभीरता के साथ अपने चिंतन को व्यक्त किया है तथा बहुत से सामाजिक बिंदुओं को शामिल किया है। डॉ. वाजपेई ने अपने विचारों में पुस्तक की शानदार समीक्षा की।इस अवसर पर बहुत से संगठनों की ओर से योगेश शर्मा को बधाइयां प्रेषित कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. विजय शर्मा ने साहिर लुधियानवी पर जानकारियां साझा करते हुए योगेश शर्मा की पुस्तक पर कहा कि इस पुस्तक का विमोचन लखनऊ के अंदर विश्वविद्यालयों के छात्रों के बीच एवं जयपुर में बुद्धिजीवियों के बीच हो चुका है, जहां पुस्तक की सार्थकता को सराहा गया है।कार्यक्रम में अंजू मिश्रा एवं टीकेंद्र शाद ने साहिर की नज्मों का भाव पूर्ण वाचन किया तथा मनोज राठौर एवं आकाश शर्मा ने अपने मधुर कंठ से साहिर के गीत गाकर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं।
उपस्थित सभी का आभार व्यक्त कर धन्यवाद देते हुए रवि प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम मथुरा शहर में लगातार होते रहने चाहिए, जिससे पुराने लोगों की यादें ताजा बनी रहे और समाज को प्रगतिशील एवं सकारात्मक संदेश मिलते रहें। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के साहित्यकार, बुद्धिजीवी एवं रंगकर्मी सहित चेतन स्वरूप पाराशर, राजेंद्र केशोरैया, डॉ. सईद अहमद सईद, पवन चतुर्वेदी, सुनील आचार्य, डॉ. राजेंद्र कृष्ण अग्रवाल, चित्रांश रजनीश, डॉ. धर्मराज, राजेंद्र वर्मा, अटल राम चतुर्वेदी, माधव चतुर्वेदी, हरीश द्विवेदी, मनोज गौड़, विवेक मथुरिया, देवेंद्र पाल, अनिल स्वामी, सौरभ चतुर्वेदी, कुलदीपक, साजन चतुर्वेदी, रितु सिंह और मांडवी राठौर रूपेश धनगर प्रहलाद सिंह कुलदीप कुलश्रेष्ठ कैलाश वर्मा आदि उपस्थित थे।