
मथुरा (ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। असमानता और उत्पीड़न के विरुद्ध रिफाइनरी के संविदा श्रमिकों ने जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन एडीएम शैलेन्द्र यादव को दिया।
शनिवार को दिए गए ज्ञापन में स्टेटिक और नॉन स्टेटिक श्रेणीयों में श्रमिकों के वर्गीकरण के आधार पर पारिश्रमिक और सुविधाओं के अंतर को समानता के संवैधानिक अधिकार के विरुद्ध कहा गया है। पेट्रोलियम वर्कर्स यूनियन कांट्रेक्ट वर्कर्स एमआर यूनिट के अध्यक्ष मधुवनदत्त चतुर्वेदी एडवोकेट के नेतृत्व में रिफाइनरी प्लांट, रिफाइनरी नगर और स्वर्ण जयंती अस्पताल के संविदा कर्मियों का वृहद प्रतिनिधि मंडल ने जनपद मुख्यालय पर एडीएम शैलेन्द्र यादव से भेंट कर संविदा श्रमिकों के साथ हो रहे भेदभाव और उत्पीड़न से अवगत कराते हुए पांच सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गयी है कि पूर्व कार्यकारी निदेशक एके तिवारी द्वारा दिये गये आश्वासन के अनुरूप लिखित अनुबंध किया जाए और पारिश्रमिक की अवैध वापसी पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए सेवा सुरक्षा के उपाय किये जाएं।
संविदा श्रमिकों ने आईओसीएल की संविदा श्रमिक कल्याण योजना के तहत वर्ष 2017 से देय यातायात भत्ता मय एरियर तत्काल दिये जाने, जनवरी से देय ग्रेच्युटी और लीव एनकेशमेंट का भुगतान सभी ट्रेड्स के मजदूरों को तत्काल उपलब्ध कराने और पारिश्रमिक चोरी के विरोध पर हटाए गये मजदूरों की बहाली करने की भी पुरजोर मांग की गयी है। संविदा श्रमिकों ने रिफाइनरी में श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण का तंत्र विकसित करने का अनुरोध किया।
इस अवसर पर यूनियन के मंत्री कामरेड जनक, एडवोकेट बनवारी लाल, टाउनशिप उपशाखा के अध्यक्ष दिलीप दुबे, उपाध्यक्ष गरीब दास, कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार, मुंशीलाल, दिनेश पंडित, लक्ष्मण लवानिया, विवेक सारस्वत, चांद खान, रामगोपाल, अतुल चौहान, सुभाष जादौन, महेश शर्मा आदि नेतागण मौजूद रहे। एडीएम (न्यायिक) शैलेन्द्र यादव ने श्रमिक नेताओं को आश्वस्त किया कि उनकी उचित मांगों पर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। यूनियन के अध्यक्ष मधुवनदत्त चतुर्वेदी एडवोकेट ने इस अवसर पर कहा कि पारिश्रमिक चोरी की घोर अमानवीय और गैर कानूनी स्थिति को सदा के लिए समाप्त किये बिना स्थायी औद्ययोगिक शांति नहीं हो सकती है। रिफाइनरी में औद्योगिक सद्भाव के लिए श्रमिकों की समस्याओं का ससमय निराकरण परम आवश्यक है।