केडीएस विद्यालय में राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस पर व्याख्यान सम्पन्न
मथुरा(ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। राष्ट्रीय पुस्तकालय दिवस के अवसर पर वृंदावन शोध संस्थान वृंदावन के द्वारा सलेमपुर रोड स्थित केडीएस इंटरनेशनल स्कूल मे छात्र छात्राओं को पुस्तकों के पठन पाठन व पुस्तकालय का अधिक से अधिक उपयोग हेतु प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक व्याख्यान आयोजित किया गया।
केडीएस के चेयरमैन अधिवक्ता महेंद्र प्रताप द्वारा कार्यक्रम की अध्यक्षता में कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस मौके पर मुख्य वक्ता के रूप में दिल्ली पब्लिक स्कूल की पुस्तकालय अध्यक्ष मीनू वर्मा ने बताया कि वर्तमान में किशोर व युवा वर्ग मोबाइल के कारण पुस्तकों से दूर होता जा रहा है। पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र होती हैं। उनको अधिक से अधिक पढ़ने की आदत डालनी चाहिए। आज कल पुस्तकालय पाठको की बाट जोह रहे है।
विशिष्ट वक्ता डॉ. सीमा मोरवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति अत्यंत प्राचीन है। यह सनातन हैं क्योकि यह सदैव नवीन ज्ञान को आत्मसात करती आई है। हमारा देश ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। नालंदा, तक्षशिला जैसे बड़े शिक्षा केंद्रों में विदेश से भी लोग अध्ययन करने आते थे। यहाँ की विशाल पुस्तक संपदा को विदेशी आताताईयों ने नष्ट कर दिया क्योंकि वे भारतीय संस्कृति को नष्ट करना चाहते थे। अनेक ग्रंथ इन पुस्तकालयों में थे जिन्हें जला दिया गया। आज यदि हमें अपनी सनातन संस्कृति को संरक्षित करना है तो अधिक से अधिक ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय में जाकर अध्ययन करना परम आवश्यक है। पुस्तकालय ज्ञान का भंडार होते हैं। अनगिनत विषयों पर वहाँ साहित्य उपलब्ध होता है साथ ही पुस्तक कभी किसी को शारीरिक रूप से हानि भी नहीं पहुंचातीं। परन्तु मोबाइल को लगातार देखने से आंखें अवश्य खराब हो जाती है। अतः हमें मोबाइल का प्रयोग करने की अपेक्षा पुस्तकों का उपयोग अधिक से अधिक करता चाहिए।
अध्यक्षीय संबोधन में महेंद्र प्रताप सिंह ने बालकों को बताया कि ब्रज संस्कृति को संरक्षित करने की परम आवश्यकता है जिसे पुस्तकालय ही संरक्षित करते हैं, आज की पीढ़ी पुस्तकालय द्वारा अपने इतिहास संस्कृति के विषय मे ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। साहित्य के आधार पर ही भाषा बोलियो व संगीत को जान पाते हैं। पुस्तकों के साक्ष्य के आधार पर आज हम अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं। पुस्तकों के अध्ययन से ही ज्ञात हुआ कि कैसे संस्कृति को नष्ट किया गया।
वहीं संस्थान की पुस्तकालय अध्यक्ष रेखा सिंह ने छात्र छात्राओं को बताया कि भारत पुस्तकालय दिवस को डा. एसआर रंगनाथन की स्मृति में आयोजित किया जाता है। भारत में सर्व प्रथम पुस्तकालय की स्थापना 1835 को हुई जो सन 1836 से सन 1903 तक विभिन्न चरण पार करते हुए इंपीरियल लाइब्रेरी के रूप में जनता के लिए समर्पित की गई। किंतु हमारा देश में आरंभ से ज्ञान विज्ञान का केंद्र रहा है गुरुकुल में पुस्तकालय रहे हैं। विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर अमित तोमर ने सभी अतिथियों का विशेष आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संदीप कौर, राजू शर्मा, प्रीती ठाकुर, प्रिया ठाकुर आदि उपस्थित रहे।