विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण के पहरेदारों ने जताई चिंता
जल जंगल और जमीन बचाने के लिए आगे आना होगा
पाषाण युग, लोह युग, ताम्र युग के बाद अब प्लास्टिक युग
(लखनऊ से पायल कटियार की रिपोर्ट)
लखनऊ (ब्रज ब्रेकिंग न्यूज)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल लिनियेज में पर्यावरण दिवस मनाया गया। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने नष्ट होती पृथ्वी पर चिंता व्यक्त की तथा पर्यावरण के संरक्षण के लिए समाज को जागरूक करने का भी प्रयास किया।उत्तर प्रदेश सरकार के ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास प्राधिकारी/परियोजना द्वारा 22 अप्रैल, 2024 को पृथ्वी दिवस-2024 सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उदे्श्य प्लैनेट बनाम जल, जंगल, जमीन का बचाव करना था। इस वर्ष 54वां पृथ्वी दिवस मनाया गया। इस अर्थ-डे सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के 50 से अधिक जिलों के पर्यावरणविद, शिक्षाविद, पदमश्री पुरस्कार विजेता, मीडियाकर्मी, सोशल मीडिया से जुड़े हुए विभिन्न संगठन तथा उत्तर प्रदेश सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन रहे अधिकारी, स्वयं सहायता समूह, जल एवं जल से जुड़ी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी ने पर्यावरण के प्रति विचारों के आदान-प्रदान तथा बिगड़ते पर्यावरण को सुधारने के लिए समाज को जागरूक करने का प्रयास किया।
कार्यक्रम का आयोजन आगा खाँ फाउण्डेशन, वाटर ऐड, एक्शन ऐड, सीएमएस तथा इरिगेशन एसोसिएशन ऑफ इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में किया गया था। कार्यक्रम में ग्रेटर शारदा सहायक परियोजना ने पूर्ण सहयोग किया। कार्यक्रम में डॉ. हीरालाल पटेल अध्यक्ष एवं प्रशासक ग्रेटर शारदा सहायक परियोजना, राज कुमार प्रबन्ध निदेशक स्वच्छ भारत मिशन उप्र, राजीव यादव अपर आयुक्त ग्रेटर शारदा, प्रो. गीता गांधी किंगडन प्रेसिडेन्ट सीएमएस तथा पद्मश्री सुधा सिंह द्वारा विचार मंथन की शुरुआत की गई। प्रो. गीता गांधी ने पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में हो रहे बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि आज औद्योगीकरण के चलते जितना कार्बन 300 साल में हमने वायुमंडल में नहीं छोड़ा, उससे सौ गुना ज्यादा कार्बन तीस साल में छोड़ दिया गया है। उन्होंने अन्य देशों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों की जागरूकता की भी जानकारी दी। गीता गाँधी किंगडन द्वारा विश्व के परिप्रेक्ष्य में प्लास्टिक कचरे को समाप्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होने इस संदर्भ में विशेष रूप से नदियों, तालाबों आदि में डाले जा रहे कचरे को साफ करने की जरूरत पर जोर दिया, जो कि पर्यावरण को दूषित कर रहा है।
पद्मश्री सुधा सिंह द्वारा पानी की आवश्यकताओं पर बल देते हुये प्लास्टिक के प्रयोग को कम करने का आह्वान किया गया। राजीव यादव अपर आयुक्त ने कहा कि हम पाषाण युग, ताम्र युग, लौह युग की तरह अब प्लास्टिक युग में जी रहे हैं। अभी खुद को न सुधारा गया तो अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए हम सब कुछ नष्ट कर देंगे। पहले यदा कदा को ही कैंसर होता था आज कैंसर के रोगियों से हॉस्पिटल भरे पड़े हैं। कैंसर के इलाज के लिए नंबर लगाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक रसायन के कारण ब्रेन हैमरेज, हार्ट अटैक, पैरालाइसिस तथा कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त होते जा रहे हैं। प्लास्टिक एक स्लो प्वाइजन है, जो मानव और पृथ्वी के स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित कर रहा है।
चलाना होगा हल्लाबोल अभियान: डॉ. हीरा लाल
कार्यक्रम संरक्षक डॉ. हीरा लाल ने विभिन्न जिलों से आये मीडिया कर्मियों का आह्वान किया कि प्लास्टिक के बारे में जागरूकता फैलाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है और इस कार्य में मीडिया सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जितना ऑक्सीजन लेता है, उसको उतनी ऑक्सीजन वर्षभर में उत्पन्न करना चाहिए। इसी प्रकार उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति जितना पानी का प्रयोग करता है, उसको उतना वर्षा का जल रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रयोग कर बचाना चाहिए। मीडिया कर्मी अपने अपने जिलों में इस विषय का प्रचार प्रसार करें कि प्लास्टिक हमारे और हमारी पृथ्वी के लिए कितना खतरनाक है। इस विषय में समाज को जागरूक करना अत्यन्त आवश्यक है, तभी हम पृथ्वी को प्लास्टिक से मुक्त कर सकते हैं। इसके लिए हमें चिपको आंदोलन की तरह हल्लाबोल अभियान चलाना होगा तभी इससे निजात पा सकते हैं।
इस अवसर पर चार समूह परिचर्चा भी की गईं, जिनमें अरुण सिन्हा सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव, संजय भूसरेड्डी सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव एवं अध्यक्ष रेरा उप्र, आशुतोष शुक्ला राज्य सम्पादक दैनिक जागरण, सुधीर मिश्रा स्थानीय सम्पादक नवभारत टाइम्स, प्रांशु मिश्रा स्थानीय सम्पादक हिन्दुस्तान टाइम्स, पद्मश्री राम शरन वर्मा, पद्मश्री बाबू लाल दहिया, पद्मश्री सुधा सिंह, आगा खॉ फाउण्डेशन, वाटर ऐड, एक्शन ऐड के प्रतिनिधियों तथा डॉ. रोहित बघेल, विलियम जे क्लिंटन फाउण्डेशन छत्तीसगढ़, आशीष कुलकर्णी पार्टनर बीसीजी सोशल इम्पैक्ट आदि द्वारा भाग लिया गया।
समूह परिचर्चा में सौरभ लाल सीईओ मॉडल गांव, अर्पित गुप्ता सहायक सम्पादक इकोनॉमिक टाइम्स, इभा सिंह और ओम सिंह द्वारा पैनल डिस्कशन का संचालन किया गया। इस अवसर पर प्रदेश के लगभग 55 जिलों के प्रिन्ट, इलेक्ट्रानिक, सोशल मीडिया, रेडियो संवाददाता आदि द्वारा अपनी सहभागिता दी गयी। पैनल डिस्कशन में प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्लास्टिक से पृथ्वी से बचाने हेतु विभिन्न प्रयासों पर चर्चा की गयी।उपरोक्त कार्यक्रम को ग्रेटर शारदा सहायक समादेश क्षेत्र विकास प्राधिकारी/परियोजना द्वारा सहयोग करते हुये विभिन्न जिलो में सभी भूमि संरक्षण इकाईयों में कार्यक्रम आयोजित करवाया गया। कार्यक्रम के अंत में जयराम पाठक आगा खां फाउण्डेशन द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया।