
कस्बे के पोहप सिंह शंकरा मार्किट में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास पिंटू शास्त्री भाजपा के जिला पंचायत सदस्य आरपी सिंह को दुपट्टा उड़ाकर स्वागत करते हुए।
कान्हा के जन्मोत्सव से झूमा लाडली का बरसाना
श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन आनंदित हुए श्रद्धालु
बरसाना (ब्रज ब्रेकिंग न्यूज़)। राजा बलि जैसा कोई दानी नहीं था। जब भगवान विष्णु वामन भगवान का रूप धारण करके राजा बलि के पास भिक्षा मांगने आए थे। राजा बलि के गुरु शुक्राचार्य ने बलि को बताया कि यह बालक कोई और नहीं स्वयं विष्णु है, लेकिन उसके बावजूद भी राजा बलि यज्ञ से उठकर वामन भगवान को दान देने पहुंच गए। इसलिए कभी भी तुम्हारे दरवाजे पर को भिक्षा मांगने आए तो उसे कभी खाली हाथ नहीं लौटना चाहिए। यह प्रसंग बुधवार को श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ से कथा वाचक विष्णु मिश्रा उर्फ पिंटू शास्त्री ने श्रोताओं से कहा।
भाजपा नेता हरिओम शंकरा के निवास पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन राजा बलि, वामन भगवान, राम जन्म, कृष्ण जन्म आदि की कथा सुनाई गई। स्व. पोहप सिंह की स्मृति में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान व्यास पीठ से कथा वाचक विष्णु मिश्रा उर्फ पिंटू शास्त्री ने कहा राजा दशरथ के जब कोई पुत्र नहीं हुआ तो उन्होंने अपने गुरु बशिष्ठ से पूछा तो उन्होंने उन्हें सूर्य देव की उपासना करने को कहा। सूर्य देव की उपासना के बाद राजा दशरथ के यहां एक नहीं चार पुत्रों ने जन्म लिया। इसी सूर्यवंश में भगवान राम का जन्म हुआ। भले ही श्रीमद भागवत कथा में भगवान राम की कथा कम है, लेकिन मनुष्य जीवन में हमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के पदचिन्ह पर चलना चाहिए। वहीं श्रीमद् भागवत कथा में आगे भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव हुआ। इस दौरान नंदोत्सव की धूम में हर कोई श्रोता झूम रहा था। चहुंओर खिलौनों की बारिश हो रही थी। भजनों की धुन पर भक्त थिरक रहे थे। कथा वाचक विष्णु मिश्रा उर्फ पिंटू शास्त्री ने कहा कि भगवान राम का जन्म दिन के बारह बजे हुआ जबकि भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि के बारह बजे हुआ। इसलिए मध्य काल के दौरान किए जाने वाले सभी कार्य शुभ माने जाते है। इस मौके पर भाजपा नेता हरिओम शंकरा, पूर्व मंडल अध्यक्ष रनवीर ठाकुर, पूर्व चेयरमैन बलराज चौधरी, महेश पंडित, दीनू ठाकुर, पातीराम शर्मा, गोपाल कटारा, पवन तिवारी, कन्हैया ठाकुर, लाल सिंह शंकरा, राधावल्लभ शंकरा, भगवान सिंह, नरेंद्र, भारत आदि मौजूद थे।