
विशेषज्ञों ने साझा की अहम जानकारियां
लखनऊ। विज्ञान फाउंडेशन, पीपल कंसल्टेंसी सर्विसेज, ऐट सेक इंडिया तथा यूपी फोर्सेज के संयुक्त तत्वावधान में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग डे के अवसर पर एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न जिलों—लखनऊ, अलीगढ़, मथुरा, बलिया, श्रावस्ती, चित्रकूट और कानपुर—से 50 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञों के तौर पर यूनिसेफ लखनऊ की सुश्री रिजवाना परवीन, अलीगढ मुस्लिम विश्वविधालय के एडवांस सेंटर फॉर वूमेन स्टडीज की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. तरुशिखा सर्वेश तथा यूपी फोर्सेज से श्री रामायण यादव वक्ता के तौर पर उपस्थित रहे ।सुश्री रिजवाना परवीन ने अपने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मानव तस्करी की परिभाषा, इसके कारणों और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि किस प्रकार गरीब, वंचित और जागरूकता की कमी वाले परिवारों को इस अपराध का शिकार बनाया जाता है। उन्होंने मानव तस्करी को रोकने के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबरों (जैसे 1098, 112, 181) का उल्लेख किया और बताया कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना स्थानीय प्रशासन, बाल कल्याण समिति या नजदीकी पुलिस थाने में दी जा सकती है।

डॉ. तरुशिखा सर्वेश ने मानव तस्करी के लैंगिक पक्ष पर बात करते हुए बताया कि महिलाएं और बच्चे विशेष रूप से इस अपराध के निशाने पर होते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक जागरूकता, शिक्षा और सामुदायिक भागीदारी के जरिए ही इसे जड़ से समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों और संरक्षण से जुड़ी कानूनी व्यवस्थाओं की जानकारी भी साझा की।
रामायण यादव, जो यूपी फोर्सेज का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस और विशेष बल मानव तस्करी रोकने में सक्रिय रूप से जुटे हैं। उन्होंने मानव तस्करी से संबंधित मामलों की पहचान, प्राथमिक कार्यवाही और पीड़ितों के पुनर्वास की प्रक्रिया पर जानकारी दी। श्री यादव ने यह भी स्पष्ट किया कि नागरिकों की सतर्कता और सूचना देना ही अपराध पर रोक लगाने की पहली कड़ी है।
कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों ने विषय से संबंधित प्रश्न पूछे और विशेषज्ञों से समाधान प्राप्त किया। संगोष्ठी का समापन एक सामूहिक संकल्प के साथ हुआ जिसमें सभी प्रतिभागियों ने मानव तस्करी के विरुद्ध जागरूकता फैलाने का वचन लिया।